खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सहकारी क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा विकेन्द्रीकृत अनाज भंडारण कार्यक्रम

भारत के पास विश्व के कुल कृषि योग्य क्षेत्र (138 करोड़ हेक्टेयर) का 11% (16 करोड़ हेक्टेयर) और कुल विश्व जनसंख्या (790 करोड़) का 18% (140 करोड़) हिस्सा है। इसका मतलब यह है कि विश्व की 18% आबादी की भोजन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारत के पास केवल 11% खेती योग्य भूमि है। एफएओ सांख्यिकीय डेटा 2021 के आधार पर, भारत में कुल खाद्यान्न उत्पादन 311 एमएमटी है और भारत में कुल भंडारण क्षमता केवल 145 एमएमटी है, यानी, 166 एमएमटी ओडी भंडारण की कमी है। अन्य देशों में 131% अधिशेष भंडारण क्षमता है, जबकि भारत में 47% की कमी है।

परियोजना का उद्देश्य:

भारत में अनाज भंडारण का विकेंद्रीकरण और पीएसीएस स्तर पर इसका लाभ

  • फसल कटाई के बाद के नुकसान को मौजूदा 6% से कम करना
  • मल्टीपल हैंडलिंग और परिवहन लागत में भारी कमी
  • किसानों द्वारा कम दरों पर संकट कालीन बिक्री की रोकथाम
  • एफसीआई/राज्य सरकार द्वारा विकेंद्रीकृत खरीद
  • स्टोरेज आधारित "हब" और "स्पोक" मॉडल

नई फ्लेक्‍सी मॉड्युलर तकनीक का उपयोग – मॉड्यूल 1

 

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नई फ्लेक्‍सी मॉड्युलर तकनीक का उपयोग – मॉड्यूल 2

 

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नई फ्लेक्‍सी मॉड्युलर तकनीक का उपयोग – मॉड्यूल 3

 

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एकीकृत मॉड्यूल (आवश्‍यक भूखंड ~ 1 एकड़; कुल लागत ~ ₹ 2 करोड़)

 

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