राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (NCCT) का परिचय
इतिहास
देश के सहकारी विभागों और संस्थानों में नियोजित या नियोजित किए जाने वाले कार्मिकों के लिए योजना निर्माण और प्रशिक्षण व्यवस्था आयोजित व निर्देशित करने के लिए वर्ष 1953 में भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के साथ संयुक्त रूप से सहकारी प्रशिक्षण हेतु एक केन्द्रीय समिति का गठन किया । वर्ष 1962 में भारत सरकार ने सहकारी प्रशिक्षण समिति के गठन को अनुमोदित किया और सहकारी प्रशिक्षण से संबंधित कार्यों को भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (NCUI) को सौंपा । वर्ष 1976 में सहकारी प्रशिक्षण समिति (CCT) को राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (NCCT) जो भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (NCUI) की उपविधि 16A के अधीन स्थापित एक निकाय है, से प्रतिस्थापित किया गया । आगे चलकर केन्द्रीय सरकार के निर्णय के अनुसरण में राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद वर्ष 2018 में सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1860 के अधीन पंजीकृत होकर एक स्वायत्त समिति बनी ।
कार्य
राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (NCCT) देश के सहकारी क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों के सहकारी प्रशिक्षण व्यवस्था के आयोजन, निदेशन, निगरानी और मूल्यांकन के लिए उत्तरदायी है । परिषद का मुख्य उद्देश्य देश में सहकारी समितियों के लिए आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना और मानव संसाधन विकास की प्रक्रिया सुगम करना है । यह सहकारी आंदोलन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान का संचालन भी करता है । इस परिषद में 20 घटक संस्थान हैं जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर वैमनीकॉम, पुणे; चंडीगढ़, बेंगलुरू, कल्याणी, गांधीनगर, पटना स्थित पांच क्षेत्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान और भोपाल, भुवनेश्वर, चेन्नई, देहरादून, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंफाल, जयपुर, कन्नुर, लखनऊ, मदुरई, नागपुर, पुणे और थिरूवनंतपुरम स्थित 14 सहकारी प्रबंधन संस्थान शामिल हैं ।