परियोजना का परिचय: राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों के RCS कार्यालयों के कंप्यूटरीकरण की एक केंद्रीय प्रायोजित परियोजना को केंद्रीय सरकार ने दिनांक 06.10.2023 को 94.59 करोड़ रुपये की बजटीय परिव्यय से वर्ष 2023-24 से तीन वर्षों के लिए अनुमोदित किया है । यह मंत्रालय की “आईटी इंटरवेंशंस द्वारा सहकारी समितियों का सशक्तीकरण” की अंब्रेला परियोजना का एक हिस्सा है । माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री द्वारा दिनांक 30 जनवरी, 2024 को भारत रत्न सी. सुब्रमण्यम सभागार, आईसीएआर, पूसा, नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में इस अंब्रेला परियोजना का शुभारंभ किया गया था ।
परियोजना के उद्देश्य: इस परियोजना के उद्देश्य सहकारी समितियों के लिए व्यवसाय की सुगमता में वृद्धि करना और सहकारी समितियों की सभी राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों के RCS कार्यालयों के साथ पारदर्शी और कागज-रहित डिजिटल परितंत्र का सृजन करना है । इस परियोजना के अंतर्गत विकसित किया जाने वाला सॉफ्टवेयर संबंधित राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों के सहकारी अधिनियमों के अनुरूप होगा ।
परियोजना के घटक: यह भारत सरकार द्वारा एक-मुश्त वित्तीय सहायता वाली एक केंद्रीय प्रायोजित परियोजना है । परियोजना की समाप्ति पर संबंधित राज्य/संघ राज्यक्षेत्र इसकी संवहनीयता के लिए उत्तरदायी होंगे । इस परियोजना के अधीन निम्नलिखित घटकों के लिए अनुदान दिए जा रहे हैं:
- 2.5 वर्षों के लिए क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर सहित हार्डवेयर (पीसी, यूपीएस, मल्टी फंक्शनल प्रिंटर)
- सॉफ्टवेयर विकास (1.5 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता (जीएसटी सहित) भारत सरकार द्वारा शत-प्रतिशत वहन किया जाएगा),
- दो वर्षों के लिए सॉफ्टवेयर का अनुरक्षण और अद्यतन (दूसरा और तीसरा वर्ष)
कार्यान्वयन रणनीति:राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों की सहकारी समितियों के संबंधित रजिस्ट्रार अपने संबंधित राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों में इस परियोजना के समयबद्ध कार्यान्वयन और प्रभावशाली निगरानी के नोडल होंगे । वे पंजीयक कार्यालय के सभी कार्यों के लिए प्रभावशाली वर्क-फ्लो आधारित सॉफ्टवेयर के विकास के लिए उत्तरदायी होंगे । प्रापण, इत्यादि सहित परियोजना कार्यकलापों के कार्यान्वयन के लिए RCS, संबंधित राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों की परियोजना दिशानिर्देशों और नियमों के अनुसारअपनी स्वयं की प्रणाली स्थापित करेंगे ।
परियोजना की प्रभावशाली निगरानी और समयबद्ध कार्यान्वयन हेतु राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों के RCS को निम्नलिखित सदस्यों के साथ RCS स्तर पर एक कार्यान्वयन और निगरानी समिति (IMC) स्थापित करने की सलाह दी जाती है –
- परियोजना पर आईटी ज्ञान और कार्यकरण,
- लेखा और संपरीक्षण;
- RCS कार्यालय में तथा राज्यों के वित्त विभाग, आईटी विभाग, इत्यादि के साथ सामान्य निगरानी व समन्वय के लिए सदस्य, और
- कोई अन्य सदस्य जिनके बारे में RCS को लगता है कि वे मूल्य संवर्धन करेंगे ।
सहकारिता मंत्रालय के साथ परियोजना से संबंधित सभी विषयों पर संवाद करने का उत्तरदायित्व बिंदु सं. ग) में उल्लिखित सदस्य को सौंपा जा सकता है और उसका संपर्क ब्योरा मंत्रालय को संसूचित किया जा सकता है ।
प्रमुख पड़ाव एवं राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों की अनुमानित समय-सीमा:
क्रम सं. | पड़ाव | प्राप्त करने की समय-सीमा |
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1 | RCS की एकीकृत डिजिटल पोर्टल का लाइव होना | 31.12.2024 |
2 | सभी राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों के लिए RCS की एकीकृत डिजिटल पोर्टल का राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस के साथ API आधारित संपूर्ण एकीकरण | 31.3.2025 |
सहकारिता मंत्रालय से नोडल अधिकारी:
अवर सचिव, भारत सरकार,
परियोजना ईमेल आईडी: rcscomp-moc@gov.in (परियोजना से संबंधित सभी संप्रेषण इस ईमेल पर किए जाएं)
सहकारिता मंत्रालय के जेनेरिक सॉफ्टवेयर हेतु कोड का अनुरोध: यूज़र आईडी और पासवर्ड तथा कोड सहित सहकारिता मंत्रालय के जेनेरिक सॉफ्टवेयर की वेबसाईट प्राप्त करने के लिए RCS के अनुमोदन से राज्य/संघ राज्यक्षेत्र, आवश्यकतानुसार, अपनी मांग उपर्युक्त-उल्लिखित अधिकारी को भेज सकते हैं और इमेल कर सकते हैं ।
डाउनलोड-योग्य सामग्री/दस्तावेज:
- परियोजना दिशानिर्देश
- सॉफ्टवेयर विकास के लिए नमूना DPR
- सॉफ्टवेयर विकास के लिए नमूना आरएफपी
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राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के आरसीएस के लिए एसओपी (चरण-दर-चरण प्रक्रिया) केंद्रीय एसएनए एजेंसी की बाल एजेंसी बनने के लिए सॉफ्टवेयर विकास घटक के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम
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CSNA मॉड्यूल के अंतर्गत चाइल्ड एजेंसी द्वारा भुर्तान करने का तरीका
अस्वीकरण: इस नमूना आरएफपी और डीपीआर के माध्यम से, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को उनकी तैयारी में सहायता के लिए आरएफपी और डीपीआर के लिए एक सामान्य प्रारूप प्रसारित किया जा रहा है। हालाँकि, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मौजूदा नियमों का पालन करते हुए डीपीआर तैयार करने और आरएफपी की शुद्धता सहित अनुमोदन की समग्र जिम्मेदारी संबंधित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के आरसीएस की है।