सहकारिता मंत्रालय का विजन
मंत्रालय का मुख्य जनादेश 'सहयोग से समृद्धि' की दृष्टि को साकार करना, देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करना और जमीनी स्तर तक इसकी पहुंच को गहरा करना, सहकारिता आधारित आर्थिक विकास मॉडल को बढ़ावा देना और उपयुक्त नीति, कानूनी और संस्थागत निर्माण करना है। सहकारिता समितियों को उनकी क्षमता का एहसास कराने में मदद करने के लिए ढांचा। माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के कुशल नेतृत्व में मंत्रालय उपरोक्त शासनादेश को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए गहन प्रयास कर रहा है।
सहकारिता के सिद्धांत
मंत्रालय 7 सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत सहकारिता सिद्धांतों का पालन करेगा:-
- खुली और स्वैच्छिक सदस्यता
- डेमोक्रेटिक सदस्य नियंत्रण
- सदस्यों की आर्थिक भागीदारी
- स्वायत्तता और स्वतंत्रता
- शिक्षा, प्रशिक्षण और सूचना
- सहकारिता समितियों के बीच सहयोग
- समुदाय के लिए चिंता
पीएम के अमृत काल के पंच प्रण (5 प्रण)
मंत्रालय 15 अगस्त, 2022 को स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में भारत के माननीय प्रधान मंत्री द्वारा दिए गए अमृत काल आह्वान के पंच प्रण (5 प्रतिज्ञा) द्वारा निर्देशित होगा:-
- विकसित भारत का लक्ष्य
- औपनिवेशिक मानसिकता के किसी भी निशान को हटा दें
- अपनी जड़ों पर गर्व करें
- एकता
- नागरिकों में कर्तव्य की भावना